अगर आप स्पेस का मतलब खाली जगह समझ रहे हैं तो आप गलत हैं। ये एक ऐसी जगह जो धूल, गैस, या अन्य कोई कण, रेडियेशन कणों से भरी रहती है।
क्या आप को पता हें. अंतरीक्ष में जाने वाली पहली महिला कोन थ ? नहीं पता तो हम आपको बताते हें –रुस की वेलेंटिना तेरेश्कोवा (Valentina Tereshkova) पहली महिला थी.जिन्होंने अंतरीक्ष की यात्रा की थी.
हमारे सौरमंडल में बुध OR शुक्र ऐसे दो ग्रह हैं जिनका कोई भी उपग्रह नहीं है।
हमारे सौरमंडल का सबसे ऊंचा पर्वत ओलंपस मॉन्स (Olympus mons) है जो कि मंगल पर स्थित है.
सूर्य पृथ्वी से 300000 गुना बड़ा है।
पहला सैटेलाइट ब्रिटेन ने लांच किया था जिसका नाम ब्लैक एरो (Black arrow) था। 38. प्रकाश को सूर्य से पृथ्वी तक आने में 8.3 मिनट का समय लगता है।
आप सभी लोग अंतरिक्ष के बारे में जरुर जानते होंगे। अंतरिक्ष में गुरुत्वाकर्षण बल नहीं है जिस कारण वहां पर सभी चीजें तैरती रहती हैं।
अंतरिक्ष यात्रियों का एक सूट बनाने में 1.2 करोड़ डॉलर खर्च होते हैं।
यदि मनुष्य को अंतरिक्ष में बिना सूट के छोड़ दिया जाए तो वह सिर्फ 2 मिनट तक ही जीवित रहेगा। उसके बाद उसकी मौत हो जाएगी।
वैज्ञानिकों के मुताबिक अंतरिक्ष (Space) एक Vacuum है जिसकी शुरूआत हमारी पृथ्वी से 100 किलोमीटर ऊपर होती है। यहां ना तो हवा है और ना ही कोई माध्यम है जिससे हमारी आवाज गूंज सके.
सूर्य और ग्रहों के बिच का जो शेत्र हे उसे Interplanetary Space कहते हें.
अंतरिक्ष में तीन मुख्य प्रकार की आकाश गंगा हें Spiral, Elliptical और Irregular ऐ तिन मुख्य आकाश गंगा हैं।
अंतरीक्ष में अरबों आकाशगंगायें होती हैं, एक आकाशगंगा एक विशालकाय रूप है जिसमे सौर मंडल के साथ साथ धुल के कणों, बहुत सारी गैसों का भी संयोजन रहता है.
अंतरिक्ष में आप रो भी नहीं सकते हैं और ना ही किसी से बात कर सकते हैं. अंतरिक्ष में कोई वातावरण भी नहीं होता है।
जब आप अंतरीक्ष के बारे में सोच ते हो तो ऐसा कभी सोचा हें अंतरीक्ष में केसी खुशबु आती होगी या नहीं आती होंगी, अंतरीक्ष दीखता केसा होगा अंतरीक्ष में किसी की आवाज सुनाईदेती होगी या नहीं, अंतरीक्ष में खुशबु या बदबू आती होगी या नहीं.अंतरिक्ष की गंध का पता केवल और केवल स्पेस यात्रियों के सूट और उनके औजारों से ही पता चलता है, जब उनकी जाँच की जाती है तो तभी उनमें से आनी वाली गंध का बताया जाता है।
ये सोचने में ही आपको डरावना लगता हें की हमारे ब्रह्मांड में एक ऐसा ही ग्रह है जिसे देखकर आपको नर्क की कहांनिया याद आ जायेंगी ऐ ऐसा ग्रह हें की वहा बारीश काच की होती हे,ये सोचकर आपको डर भी लगता होगा. इश ग्रह को आप नहीं जान ते होगे तो हम बताते हें ये ग्रह का नाम क्या हें HD 189733bसे जाना जाने वाला ये ग्रहहमारी धरती से63 लाइट इयरदूर है।
अंतरिक्ष अद्भुत है। ब्रह्मांड की कई अरब आकाशगंगाओं में अरबों–खरबों पिंडों के साथ–साथ इसकी विशाल विशालता मानव मस्तिष्क के लिए लगभग अतुलनीय है।
अंतरिक्ष एक आंशिक निर्वात है: इसके विभिन्न क्षेत्रों को विभिन्न वायुमंडल और “हवाओं” द्वारा परिभाषित किया जाता है जो उनके भीतर हावी होते हैं, और उस बिंदु तक विस्तारित होते हैं जिस पर वे हवाएं उन लोगों को आगे का रास्ता देती हैं। भू–स्थान पृथ्वी के वायुमंडल से पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र की बाहरी पहुंच तक फैला हुआ है, जिसके कारण यह अंतर–ग्रहीय स्थान की सौर हवा को रास्ता देता है।
क्या आप को पता हें आकाश में ब्लेक होल क्या होता हें. नही पता तो चलो हम बताते हें.ब्लैक होल एक ना दिखाई देने वाला ग्रेविटी का वह समुद्र होता है जो अपनी ओर आने वाली हर वस्तु को समा लेता है. ब्लैक होल एक विशाल तारे के मरने के बाद ही बनता है। हमारे स्पेस में ये कई जगहों पर हो सकते हैं और हम इन्हें देख नहीं सकते हैं केवल ग्रेविटी के कारण पहचान सकते हैं।
यदि आकाश में कोई तारा ब्लेक होल के पास से गुजरता हे तो वो तारा बिखेर जाता हें.
पुथ्वी एक एसा ग्रह हें की जिसका नाम किसी भी देवता के नाम पर नहीं रखा गया.
पृथ्वी पर ज्वार फटने का कारण सूर्य तथा चंद्रमा का अपना गुरुत्वाकर्षण है।
हमारे सौरमंडल में सबसे ज्यादा ज्वालामुखी शुक्र ग्रह पर हैं।
हमारा चंद्रमा लगभग 4.5 बिलियन वर्ष पुराना है।
हमारे सूर्य मंडल का सबसे बड़ा ग्रह शनि हें.
अंतरिक्ष के अंदर पहली सेल्फी 1966 में बज एल्ड्रिन ने ली थी। इन सेल्फी की नीलामी 6 लाख रूपये में हुई।
अंतरिक्ष से चीन की दीवाल भी दिखाय देती हें.
अंतरिक्ष में गुरुत्वाकर्षण बल ना होने के कारण वहां कोई भी व्यक्ति पाद भी नहीं सकता है। और व्यक्ति के पेट के अंदर भोजन और गैस अलग अलग नहीं हो पाते हैं।
नासा अंतरिक्ष में 3D पिज़्ज़ा बनाने की तकनीक विकसित कर रहा है।
प्लूटो ग्रह का नाम रोमन देवता के नाम पर रखा गया.
अंतरिक्ष में जाने वाली पहली पेय पदार्थ कोका कोला था।
हमारी आकाश गंगा का दूसरा नाम मन्दाकिनी हें हमारा सूर्य मंडल इस आकाश गंगा में हें.
आकाशगंगा की चौड़ाई लगभग 100,000 प्रकाश वर्ष हैं।
सूर्य पृथ्वी से 300,000 गुना बड़ा हैं।.
पुथ्वी में वायु मंडल के कारण रात को आकाश में तारा चमकते हें.